फरेब
माँ तू अब बूढ़ी हो गई है ..तुझे यहाँ अकेले नहीं छोड़ सकता । तू ये मकान बेच और मेरे साथ चल । पिता की मृत्यु पर अमेरिका से आया बेटा माँ से कह रहा था । माँ निहाल हो गई बेटे पर । बेटा सब जायदाद बेचकर माँ को किसी स्टेशन पर छोड़ कर चला गया ।माँ बेचारी असहाय भीख मांगकर गुज़ारा करने लगी ।एक भिखारी ने पूछा तो उसे पूरी कहानी सुनाई ।भिखारी गुस्से में बोला …फरेबी कहीं का…ऐसी औलाद को तो नरक में भी जगह न मिले । सुनते ही चीख उठी ..न न फरेबी न है वो बस थोड़ा .नादान है बच्चा है नासमझ है रास्ता भटक गया है अक्ल आ जावेगी है भगवान उसकी रक्षा करना…..
16-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Dr Archana Gupta
मुरादाबाद
941 Posts · 96.7k Views
डॉ अर्चना गुप्ता (Founder,Sahityapedia) "मेरी प्यारी लेखनी, मेरे दिल का साज इसकी मेरे बाद भी,...

You may also like: