
Jun 6, 2016 · मुक्तक
*प्रेम रतन*
जग में कायम शान रखिए
खुद से भी पहचान रखिए
प्रेम रतन को बाँट – बाँट
सबसे दुआ सलाम रखिए
*धर्मेन्द्र अरोड़ा*

*काव्य-माँ शारदेय का वरदान * Awards: विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित

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