
Jul 16, 2016 · मुक्तक
प्रेम खुमारी
पावन सदा पुनीत मृदुल सा जहान हो
सुरभित पवन,रंगीन प्रकृति रूपवान हो
रिश्ते प्रगाढ़, प्रेम खुमारी बनी रहे
कोई न हो गरीब सभी का मकान हो।

poet and story writer

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