
Dec 8, 2016 · गज़ल/गीतिका
प्रमाणिका छंद में एक गीतिका
जहीन जो विचार के
गए जहाँ सुधार के
निगाह से पढ़ो जरा
अनेक रूप प्यार के
मिले न चैन ही यहाँ
न जीत के न हार के
कभी मिले न क्यों हमें
निशान भी बहार के
कुबूल ‘अर्चना’ यहाँ
गुनाह एक बार के

डॉ अर्चना गुप्ता (Founder,Sahityapedia) "मेरी प्यारी लेखनी, मेरे दिल का साज इसकी मेरे बाद भी,...

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