
Aug 10, 2016 · कविता
प्यार हो तो ऐसा
दिल हो खुला आसमान जैसा
बातों में हो मधु जैसी मधुरता
“दुष्यंत” का विचार कहता है
सदा अटूट हो रिश्ता-नाता
प्रेम की बहती रहे अनंत सरिता
हँसती-खिलती रहे सदा चेहरा
प्यार हो तो ऐसा हो अमिट निशां
सुरभि अनुपम रंग से जीवन हो रंगा
मन पटल रहे विमल गंगा सी
खुशियों की बसेरा हो सुबह-संध्या
रिश्तों में सदा-सदा ही महक रहे
जैसी कोई फूलों की महकती बगियाँ
मंजु-मंजुल हो जाए जीवन हमारा
सदा सत्य रहे और भी निखरता
परिवार, देश और समाज में
हम रहे या न रहे,रहे एकता अखंड़ता
कवि:- दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”

नाम- दुष्यंत कुमार पटेल उपनाम- चित्रांश शिक्षा-बी.सी.ए. ,पी.जी.डी.सी.ए. एम.ए हिंदी साहित्य, आई.एम.एस.आई.डी-सी .एच.एन.ए Pursuing -...

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