
May 16, 2016 · मुक्तक
पाती पिय की
212 212 212 212
प्रेम पाती पिया की मैं ‘ पढ़ने लगी।
मन की’ कोयल खुशी से चहकने लगी।
प्रीति लिखने लगी नैन की लेखनी।
रात – रानी ह्रदय की महकने के लगी।।
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शिक्षा- परास्नातक ( जैव प्रौद्योगिकी ) बी टी सी, निवास स्थान- आगरा, उत्तरप्रदेश, लेखन विधा-...

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