
Feb 23, 2021 · कविता
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
मुझे भी थोड़ा आसमान दे दो
फूलों की सी खुशबू दे दो
चंद्रमा की सी चांदनी दे दो
मुझे कामनाओं में न फंसाओ
मुझे भी थोड़ा विश्राम दे दो
जय – जयकार की मुझे चाहत नहीं
है
मुझे भी थोड़ा सा काम दे दो
इंद्रजाल में उलझाओ न मुझको
मुझे भी थोड़ा स्वाभिमान दे दो
पीछे न हटूं कर्तव्य मार्ग से
मुझको भी थोड़ा सम्मान दे दो
मैं इतना भी बुद्धिजीवी नहीं हूँ
मुझको थोड़ा सा ज्ञान दे दो
सरिता सा मुझे पावन कर दो
मुझे जीवन का वरदान दे दो

मैं अनिल कुमार गुप्ता , शिक्षक के पद पर कार्यरत हूँ मुझे कवितायें लिखने ,...

You may also like: