
Jan 25, 2021 · कविता
नहीं भुला पाएंगे तुमको जब तक तन में प्राण हैं
त्याग तपस्या बलिदान तुम्हारा,भारतमाता की शान है
नहीं भुला पाएंगे तुमको, जब तक तन में प्राण है
भारत माता की आजादी में जिनने सर्वस्व लुटाया
हंसते-हंसते फंदा चूमा, अपना खून बहाया
पहन बसंती चोला निकले, घर को लौट न पाए
भारत माता की बलिवेदी पर, अपने शीश चढ़ाए
काटीं भारत मां की बेड़ी, स्वर्ण मुकुट पहनाया
उनके महान बलिदानों ने ही, भारत गणतंत्र बनाया
नमन वीर बलिदानी तुमको, कोटि-कोटि प्रणाम है
नहीं भुला पाएंगे तुमको, जब तक तन में प्राण हैं
जय हिंद जय भारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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