Aug 6, 2016 · मुक्तक
नशा……………..४
नशा……………..४
नशा जवानी का अक्सर होश खो देता है
अच्छे – बुरे मे फर्क कि समझ खो देता है
भटक जाता इस उम्र में युवा जीवन पथ से
बहकर रवानी की लहर मे मंजिल खो देता है ।।
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डी. के. निवातियॉ___________@

नाम: डी. के. निवातिया पिता का नाम : श्री जयप्रकाश जन्म स्थान : मेरठ ,...

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