
Jun 28, 2016 · शेर
नजरें करती हैं साज़िश सताने की मुझको,
नजरें करती हैं साज़िश सताने की मुझको,
ये ना जानें मेरा हाल कैसा रहता है!
पलकें झुकतीं हैं मिलतीं हैं तुझसे ही यूँ तो,
उठके तुझको ना पाके तमाशा कैसा रहता है!


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