
Jun 24, 2016 · कविता
धीरज धर मन श्याम मिलेंगे!
*पद*
धीरज धर मन श्याम मिलेंगे।
दीनानाथ कृपा निज करके,कबहूँ तौ सुध लेंगें।
रट नित नाम चरण हरि के ध्या, तब प्रभु कछु रीझेंगें।
प्रेममयी गदगद वाणी से, जब दृग बिन्दु चढेंगें।
मोह त्याग दे जग के सारे, तब हरि हिय उतरेंगें।
गहि लै एक शरण मोहन की, भव सों पार करेंगे।
कबहूँ कर मोहन के इषुप्रिय, के सिर पर पधरेंगें।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)

कार्य- अध्ययन (स्नातकोत्तर) पता- रामपुर कलाँ,सबलगढ, जिला- मुरैना(म.प्र.)/ पिनकोड-476229 मो-08827040078

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