Mar 3, 2021 · दोहे
तन-मन- "धन"
मैं भी कुछ पल चाहती, जीवन में आराम
तन मन धन अब सब करुँ, मोहन के ही नाम
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
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सपने देखना कैसे छोड़ दूं सजाये अरमान कैसे तोड़ दूं हिन्दी, हरियाणवी में ग़ज़ल, गीत,...

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