
Jan 23, 2017 · कविता
जिंदगी और मौत । ?
कभी जिंदगी पे मन सोचे,
कभी मौत पे मन सोचे।
है दिवाने दोनो के हम,
कुछ के ज्यादा कुछ के है कम ।
जिंदगी है कुछ इतनी प्यारी,
हो जाऊँ मैं वारी वारी ।
मौत से है एक ऐसा नाता,
उसको कोई भी ना ठुकराता ।
मुझे है सबकी जिंदगी प्यारी,
हँसकर कर ले जिंदगी कि सवारी ।
जिंदगी है मेरी इसमे घूम लूंगी,
मौत जब आएगी उसे मैं चूम लूंगी।
मंचन कुमारी। ( Shandilya Manchan “मन” )
25 / 05 / 2016 ?

Student समस्तीपुर कालेज , समस्तीपुर ! हिन्दी एवं अंग्रेजी मे लिखना पसंद है, .....कुछ अच्छा...

You may also like: