Apr 13, 2020 · कविता
जालियांवाला बाग
13.4.2020
खेमकिरण सैनी
विषय- जलियांवाला बाग
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ऐतिहासिक स्मारक शहीदी का
अमृतसर का जलियांवाला बाग
जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर
अंधाधुंध गोलियाँ दी थी दाग।
जलियांवाला में एकत्रित होकर
हुआ इंकलाब का आह्वान।
अंग्रेज़ों के क्रूर अत्याचार देखकर
हो गई थी कुदरत भी हैरान।
जलियांवाला हत्याकांड ने
शोला ऐसा दहकाया था
क्रांतिकारी वीरों के नाद ने
अंग्रेज़ों को दहलाया था।
इस बाग का कतरा कतरा
गाता उन वीर भारतीयों का गान,
स्वतंत्रता यज्ञ की आहुति में
जो न्यौछावर कर गए अपने प्राण!
भूल न जाएँ उपकार कभी उनका
जो कर गए हम पर एहसान,
लगाकर अपनी जान की बाज़ी
दे गए आज़ादी का वरदान।
गुरुओं की पावन धरती पर
जालियांवाला है एक पुण्यधाम
करें समर्पण आज का दिन
खालसा पंथ बैसाखी के नाम!
जय हिंद! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
वंदे मातरम!🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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Khem Kiran Saini
Kalka to Banglore
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