
Apr 14, 2017 · घनाक्षरी
जय जय जय भीम, गूंजता गगन है
हिन्दुस्तान के हैं शान, अम्बेडकर महान।
विश्व ज्ञान के प्रतीक, आपको नमन है।।
दिल से जो दयावान, दलितों के स्वाभिमान।
लिख दिया संविधान, देश ये चमन है।।
शिक्षा व समानता के, रक्षक मानवता के।
महा मानव महान, आप से अमन है।।
भेदभाव दूर किया, पीड़ितों को हक़ दिया।
जय जय जय भीम, गूंजता गगन है।।
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हम कभी भूलें नहीं, याद करें जहां कहीं।
संविधान लिखा सही, भीम को नमन है।।
सामाजिक समभाव, कोई नहीं भेदभाव।
इंसानियत का भाव, भीम को नमन है।।
14 अप्रैल जन्म, अपनाया बौद्ध धम्म।
सब जन जाना सम्म, भीम को नमन है।।
पढ़ा तब वो कालेज, बना सिम्बल नॉलेज।
बढ़ाया हिन्द का क्रेज, भीम को नमन है।।
कौशलेन्द्र सिंह लोधी ‘कौशल’
9993510584

कौशलेन्द्र सिंह लोधी "कौशल" कवि ग्राम- मतरी बर्मेन्द्र, तहसील- उंचेहरा, जिला- सतना (म.प्र.) का मूल...

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