
Aug 28, 2016 · गज़ल/गीतिका
जन गण की………
जन गण की बरबादी छोड़ो।
तन से कुर्ता खादी छोड़ो।।
सत्ता है जागीर नहीं ये
क़ैद हुई आज़ादी छोड़ो।।
भूखे नंगे की भी सुधि ले
छोड़ो ढोंग मुनादी छोड़ो।।
घूँघट को ही आड़ बनाकर
क्यों आधी आबादी छोड़ो?
असली आज़ादी का मतलब
द्वार खड़े फ़रियादी छोड़ो।।
मुठ्ठी भर लोगों को लेकर
सोच बनी मनुवादी छोड़ो।।
हेमन्त कुमार ‘कीर्ण’
चंदौली उ•प्र•
09454738822


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