
Aug 13, 2016 · गज़ल/गीतिका
चाँदनी आग बन जब जलाने लगी!!
गीतिका
चाँदनी आग बन जब जलाने लगी
याद हमदम तेरी खूब आने लगी ।।1
अब कटे रात दिन ख्याल में बस तेरे
मैं तेरे खूब सपने सजाने लगी ।।2
जल चुकी प्यार की तो शमां इस कदर
रोशनी खूब अब जगमगाने लगी ।।3
हो गई है हवा यह दिवानी बड़ी
झूमकर प्रीत के गीत गाने लगी।।4
खो गई देखकर मदभरे नैन को
डूब ने का ही मन मैं बनाने लगी।।5
“दिनेश”

मेरा परिचय नाम दिनेश दवे पिता का नाम श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता :बी ई...

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