
Jun 18, 2019 · घनाक्षरी
घनाक्षरी- आरामतलबी
घनाक्षरी- आरामतलबी
■■■■■■■■■■■■■■■
एक ही दीया से कभी, सात लोग पढ़ते थे,
अब सात जलेंगे तो एक पढ़ पायेगा।
झलकर बेना कभी नींद खूब लगती थी,
अब बिन एसी भाई चैन नहीं आयेगा।
हीटर कूलर फ्रिज वाशिंग मशीन और,
अब तो मसाला भी मशीन से पिसायेगा।
इतनी आरामतलबी के हैं शिकार हुए,
बिजली के जाते लगे प्राण चला जायेगा।
घनाक्षरी- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 16/06/2019

संक्षिप्त परिचय : नाम- आकाश महेशपुरी (कवि, लेखक) मूल नाम- वकील कुशवाहा माता- श्री मती...

You may also like: