ग़ज़ल
है इश्क अगर तो जताना ही होगा..
दिलबर को पहले बताना ही होगा..
पसंद नापंसद की परवाह कैसी..
तोहफे को पहले छुपाना ही होगा..
धड़कन हदय की सुनाने की खातिर..
उसको गले तो लगाना होगा..
आंखों ही आंखों में हो इशारें,
ओ पगली जुल्फों को तो हटाना होगा…
छूकर तुम्हें अब है महसूस करना है..
होठों को माथे लगाना ही होगा..
ख्वाबो को रस्ता देने की खातिर..
नींदों को रातों में आना होगा..
मजा बेकरारी का लेना अगर हो..
मिलन के पलों को घटाना ही होगा.. 💕”सुनीता”💕

sunita saini
अलवर(राजस्थान)
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नाम - सुनीता सैनी जन्म स्थान - बानसूर (अलवर) मोमबत्ती सी जल रही है जिंदगी.....

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