
Jun 17, 2016 · गज़ल/गीतिका
खार जैसी भी अक्सर चुभी ज़िन्दगी
फूल सी ही न हँसती रही ज़िन्दगी
खार जैसी भी अक्सर चुभी ज़िन्दगी
प्यार नफरत ख़ुशी गम मिले इस तरह
गीत कविता ग़ज़ल में ढली ज़िन्दगी
नाव पतवार साहिल लिए साथ में
शांत बहती उफनती नदी ज़िन्दगी
चाँद सूरज सितारे खिलौने लिए
खेलती रात दिन से रही ज़िन्दगी
हमने इसको बसाया हर इक साँस में
मौत के पर गले जा लगी ज़िन्दगी
अर्चना वंदना सब यहाँ कर्म हैं
मोह में रहती है पर फँसी ज़िन्दगी
डॉ अर्चना गुप्ता

डॉ अर्चना गुप्ता (Founder,Sahityapedia) "मेरी प्यारी लेखनी, मेरे दिल का साज इसकी मेरे बाद भी,...

You may also like: