Mar 28, 2020 · कविता
कोरोना
देश में हाहाकार मचा है,
आतंक हुआ एक विषाणु का।
दहसत ऐसी फैल रही,
लगता है की ये अग्रज है परमाणु का।।
जाती धर्म और सम्प्रदाय से परे, इसने सबको घेर लिया,
अब तो विद्वानो ने भी मनुवाद, और बाबा साहब से मुहँ फेर लिया।
अमीर हो चाहे गरीब अब सब के सब इसकी जद में है,
एक न दिखने वाली ताकत के आगे, मतवाला इन्सान अपनी हद में है ।।
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Ashwini sharma
Jaipur
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Second grade mathematics teacher

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