
Mar 22, 2020 · गज़ल/गीतिका
कोरोना से डरो नहीं
======एक जनसंदेश आपके समक्ष
घर में ही तो रहना है, घर कोई कैदखाना तो नहीं।
बेवजह बाहर निकल कर ,यूं ही तो मर जाना नहीं।।
चलो इसी बहाने सही, परिवार के साथ बैठते हैं।
जीवन की भूली बातों की, रोटी आज सकते हैं।।
जन्म मरण कुछ भी तो ,इंसान के हाथों में नहीं।
जीवन जीने का सुख यारा ,डरी डरी बातों में नहीं।।
दुश्मन से गर बचना है तो, खुद से भी लड़ना होगा।
देश सुरक्षा- स्वयं सुरक्षा,खुद को भी बदलना होगा।।
आओ इस महामारी से ,मिलकर के लड़ाई लड़ते हैं।
इसे रोकने के खातिर ,आज घर से नहीं निकलते हैं।।
“सागर ” ये आदेश नहीं है, ये तो जनसंदेशा है ।
“कोरोना” रुक सकता है, इससे एक अंदेशा है।।
=======सुप्रभात मित्रों== आप सभी स्वस्थ रहें
आपका अपना… डॉ .नरेश “सागर”
22/03/2020……9149087291

Hello! i am naresh sagar. I am an international writer.I am write my poetry in...

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