
Jun 14, 2016 · कव्वाली
कव्वाली :-- तेरी दीवानगी की हद सरहद पार ले आई !!
कव्वाली :– तेरी दीवानगी की हद
अनुज तिवारी “इन्दवार”
एक तरफ बहता है दरिया एक तरफ है गहरी खाई !-५
नहीं मिलती यहाँ राहत ,
यहाँ मसहूर है चाहत ,
नहीं मजबूर ये चाहत ,
हमें मंजूर ये चाहत…….३
चाहत चाहत……
तेरी चाहत की ये लहरें हमे मझधार ले आईं !-३
एक तरफ बहता है दरिया एक तरफ है गहरी खाई ! -५
आया महबूब को लेने
उसे लेकर ही जाऊँगा ,
सितम अब बस भी कर जालिम
नहीं कुछ कर ही जाऊँगा…३
कर जाऊँगा…….
तेरी दीवानगी की हद यूँ सरहद पार ले आई !-३
एक तरफ बहता है दरिया एक तरफ है गहरी खाई !-५
रहमत कर मेरे मौला
मोहलत दे मेरे मौला ,
तेरा बंदा तेरे दर पर
बदल तकदीर दे मौला.-३
मौला मौला…..
तुझे पाने की जिद हमको यहाँ इस पार ले आई ! -३
एक तरफ बहता है दरिया एक तरफ है गहरी खाई ! -५

नाम - अनुज तिवारी "इन्दवार" पता - इंदवार , उमरिया : मध्य-प्रदेश लेखन--- ग़ज़ल ,...

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