Apr 13, 2020 · कविता
कविता
ग़म धूप ख़ुशी छांव की तरह
कभी सुबह कभी शाम की तरह
मंज़र तो आज भी वही है यारों
मगर जिन्दगी गुज़रे नाव की तरह
कई जगह घूमने गए हम मगर
नहीं मिला सुकून मेरे गांव की तरह
नूरफातिमा खातून “नूरी”
13/4/2020

नूरफातिमा खातून" नूरी" सहायक अध्यापिका प्राथमिक विद्यालय हाता-3 ब्लाक-तमकुही जिला-कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिता का नाम-श्रीअख्तर...

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