Jul 11, 2016 · दोहे
*कलियुग*
गफलत में है सो रहा कलियुग का इंसान
पूजा पत्थर की करे मान इसे भगवान
*धर्मेन्द्रअरोड़ा*
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तोल सदा ही बोलिये,मुख से मीठे बोल
हीरा जनम अमोल है,माटी में ना रोल
*धर्मेन्द्रअरोड़ा*

*काव्य-माँ शारदेय का वरदान * Awards: विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित

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