कतरनें
कतरनें जोड़ीं बहुत
पढ़ न पाये एक भी
खोखले कर रख दिए
आवधिक साप्ताहिकी
हो गए बासे-तिरासे
बीते सन्दर्भ कल के
पीलिया से गिलगिलाये
कागज पर वर्ण काले
ज्ञान अर्जन के समय में
समय खोया कतरनों में
आज तक यह तय नहीं
कतरनों का क्या करें
कई जिल्दों में सजाया
ज्ञान का भारी पुलिंदा
सोचता हूँ नष्ट कर दूँ
कल रहा न रहा जिन्दा
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Laxminarayan Gupta
ग्वालियर ( म. प्र.)
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मूलतः ग्वालियर का होने के कारण सम्पूर्ण शिक्षा वहीँ हुई| लेखापरीक्षा अधिकारी के पद से...

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