
Jul 24, 2017 · कविता
ऐ बेरहम जिंदगी
ऐ बेरहम जिंदगी थोड़ा इंतजार कर,
कुछ अधूरे काम बाकी है, तू मुझसे थोड़ा प्यार कर,
मैंने देखा है, अभी नफरत काम है उनके सीने में,
कुछ और आग भर दू, अभी न राख कर,
ऐ बेरहम जिंदगी थोड़ा इंतजार कर,
कुछ नाम कर लू और थोड़े इलज़ाम भर लू साँसों में,
मैंने देखा है अपनी उखड़ती साँसों को तन्हाई में,
कुछ और वक़्त दे मुझको थोड़ी और सांस भर लू,
ऐ बेरहम जिंदगी थोड़ा इंतजार कर,
अगर देखर मुझको जीना है मोत को हर लम्हा हर घडी,
मैं खिलखिला कर हसूंगा तू न अश्को को मेरे नाम कर,
कुछ कर गुज़र जाने दे इस वक़्त में ज़िंदगी न आराम कर,
ऐ बेरहम जिंदगी थोड़ा इंतजार कर,
तनहा शायर हूँ

‘‘तनहा शायर हूँ’’ | यश पाल सेजवाल ( जन्म 10 मार्च 1 9 80 ),...

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