ऐ अक्ल होशियार कब तक
कभी तो दिल की भी सुनेगा ऐ अक्ल होशियार कब तक
अब्तर वो रस्ता ताके है तेरा, तेरा ये ऐतबार कब तक।
आकिबत जद्दोजहद में है ये नजरें नज़रों को मिलाने में
कभी तो नजर मिलाएगा आखिर रूठी अजार कब तक।
वो हसीना भी झुक जाती है जब नाराज अनमोल हो
बिखरने से पहले मान जाना ये तकरार कब तक।
चेहरे पर उसके ‘ राव’ उदासी अच्छी नहीं लगती
तू खुद को ही मना ले ये रुख सूखा प्यार कब तक।
ये मान ले के अगर अजीज से रूठा तो खुद से रूठा है
खुदा भी देखे तेरी अक्ल का तेरे दिल से इंकार कब तक।
2 Likes · 2 Comments · 33 Views

शक्ति राव मणि
46 Posts · 2.2k Views
नाम:- शक्ति राव

You may also like: