एक ख्वाहिश है बस | अभिषेक कुमार अम्बर
एक ख्वाहिश है बस दीवाने की,
तेरी आँखों में डूब जाने की।
साथ जब तुम निभा नहीं पाते ,
क्या जरूरत थी दिल लगाने की।
आज जब आस छोड़ दी मैंने,
तुमको फुरसत मिली है आने की।
आज दीदार हो गया उसका,
अब जरुरत नही मदीने की।
तेरी हर चाल समझता हूँ मैं,
तुझको आदत है दिल दुखाने की।
हम तो ख़ानाबदोश हैं लोगों,
हमसे मत पूछिये ठिकाने की।
©अभिषेक कुमार अम्बर

Abhishek Kumar Amber
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नाम- अभिषेक कुमार तख़ल्लुस- अम्बर जन्म- 07 मार्च 2000 जन्मस्थान- मवाना मेरठ उत्तर प्रदेश। विद्या-...

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