Mar 28, 2020 · गज़ल/गीतिका
ऊँचा नीचा
समाज को तोड़ने का
गुनाह करते हो।
कमजोरों की जिंदगी
तबाह करते हो।
खुद को ऊंचा
उन्हें नीचा बताते हो,
फिर सम्मान की
सबसे चाह करते हो।
कभी पूरा न होगा
अरमान तुम्हारा,
कोशिशें अनगिनत
ख़्वाहमख्वाह करते हो।
क्यों उनकी तकलीफों पे
खुश होते हो
उनकी खुशियों पे क्यों
आह भरते हो।
निजी स्वार्थ में तुम
अंधे हुए हो,
आँख बालों को
गुमराह करते हो।
संजय नारायण

Sanjay Narayan
Mohammadi Kheri
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सम्प्रति: Principal, Government Upper Primary School, Pasgawan Lakhimpur Kheri शिक्षा:- MSc गणित, MA in English,...

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