"इश्क़"
“इश्क़ ”
तेरे इश्क में डूबे कुछ ऐसे मेरे यार
होश अपना ना रहा .. दिल हुआ बेज़ार
तम्मना कुछ रही न बाकी
सिर्फ ख्वाबों में था तेरा दीदार
आन मिलों सजना ..जिया हुआ बेकरार
तेरे इश्क में डूबे कुछ ऐसे मेरे यार
साँझ का दीपक जला के
दिल को कुछ यूँ रोशन किया करते हैं
वो आएं ना अंधेरे में कि पांव फिसले
अब तो यही, रब से दुआ करते हैं
तेरे इश्क में डूबे,कुछ इस कदर मेरे यार
बेचैनियों समेट के, कोई सो गया मेरी
आए अब उसे भी थोड़ा चैन
रब से यही दुआ करते हैं
तेरे इश्क में डूबे, कुछ इस कदर मेरे यार
होश अपना ना रहा .. दिल हुआ बेज़ार
✍वैशाली
2.12.2020
जकार्ता
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Vaishali Rastogi
SAMBHAL. MORADABAD
54 Posts · 3.9k Views
मुझे हिंदी में काफी रूचि है. विदेश में रहते हुए हिन्दी तथा अध्यात्म की तरफ...

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