आदित्य
आदित्य ने भी खूब है ठानी
करने की आज मनमानी
उछल उछल कर खूब सताता
भागें पीछे दादी नानी।
छुप जाता बादलों के पीछे
चौंका देता आँखें मींचे
तरह तरह के रंग बिखरे
चमकाता हँसीं की किरणें।
होम वर्क दादी को देता
दादू तो है बहुत चहेता
दादी से सब काम कराता
तरह तरह से उन्हें रिझाता।
मिलकर दोनों मस्ती करते
कई तरह से मौज भी करते
नये नये बनते पकवान
दिन भर वे कई काम हैं करते।
सूक्षम लता महाजन

Suksham Mahajan
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I am Retd. Principal from Delhi Govt and write in both HINDI &English.I actively write...

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