
Aug 20, 2016 · शेर
आंसुओं की सूई लेकर
अर्ज किया है-
कई दाग लिए जीता हूँ ।
घूँट दर्द के पीता हूँ ।
दुनिया छल्ली कर फाड़ती है आत्मा के कपड़ों को जब भी
आंसुओं की सूई लेकर शोंक से सीता हूँ ।

कृष्ण मलिक अम्बाला हरियाणा एवं कवि एवं शायर एवं भावी लेखक आनंदित एवं जागृत करने...

You may also like: