अभिनेता आजकल का
अभिनेता आजकल का हर शख्स हो गयाl l
खालिस दिलों का अब इस जहां में खो गया ll
मिलते हैं गले हम हमारे दिल नहीं मिलते l
झूठी है मुस्कान हमारे होठ नहीं हिलते ll
मिलना जुलना भी अब फ़क़त शिष्टाचार हो गया l
व्यवहार भी अब तो यहां लाचार हो गया ll
तहजीब चल रही थी पुरखार राहों पर l
चलते चलते अब इसका भी दम निकल गया ll
दृष्टि हया मर गई अब तो मर गई आत्मा l
विनती रीता की सुन पुतले में जान दे परमात्मा ll
रीता यादव
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