
Jun 21, 2016 · कविता
अन्य
कलाधर छंद-लय -मनहरण घनाक्षरी
नैन में लिए उजास, मन्द मन्द है सुहास,
अंग अंग राधिका सुवास प्रीत घोलती।
श्वांस श्वांस नाम श्याम, जाप ध्यान आठ याम,
प्राण प्राण मीत को हिया बसाय डोलती।
वेणु जो करे पुकार,छीन ले जिया करार,
तान तान बावरी जिया सु भेद खोलती।
मान देत नन्दलाल,हाथ जोड़, टेक भाल,
राधिका निगाह कोर, श्याम नेह तोलती।
दीपशिखा सागर-
2 Likes · 2 Comments · 44 Views

Poetry is my life

You may also like: