Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2018 · 1 min read

?आओ करे सब योग?

आओ मिलकर करे सब योग,,
मन बुद्धि काया सदा रहे निरोग।

मन और काया स्वच्छ निर्मल हो जाते,,
जो नित्य योग साधना अपनाते।

वाणी मधुर चेहरा कांतिवान बना चमका जाते,
योग व्यायाम को मनुष्य जब जीवन उतारते।

शुद्ध पवन चले नित्य धरा पर,,
योगी करे योग साधना एकान्त बैठकर।

नित्य योग से चंचलता अधीरता मिटती,
योग गुरु की शिक्षा यही कहती।

आत्म चिंतन आत्म मंथन सब योग से पूर्ण होता,,
अंधकारमय जीवन मे ज्ञान का संचार भरता।

जो शांतचित योग साधना में लीन हो जाता
जीवन को मदमस्त खुशहाल बनाता

पीओ पानी खूब,रोग न कोई पास आता,
जीवन तनाव मुक्त स्वच्छ शरीर हो जाता।

स्वच्छ शरीर मे स्वच्छ आत्मा का वास होता,,
जीवन आनंदमय और उन्नतशील हो जाता।

गायत्री सोनू जैन मन्दसौर?

Language: Hindi
254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फ़ैसले का वक़्त
फ़ैसले का वक़्त
Shekhar Chandra Mitra
କୁଟୀର ଘର
କୁଟୀର ଘର
Otteri Selvakumar
दादा की मूँछ
दादा की मूँछ
Dr Nisha nandini Bhartiya
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
भजन - माॅं नर्मदा का
भजन - माॅं नर्मदा का
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
अपनी वाणी से :
अपनी वाणी से :
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दीपावली
दीपावली
डॉ. शिव लहरी
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
DrLakshman Jha Parimal
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
बातें
बातें
Sanjay ' शून्य'
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
Anil "Aadarsh"
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
■ स्वचलित नहीं, रोबोट पर निर्भर रोबोट।
*Author प्रणय प्रभात*
3054.*पूर्णिका*
3054.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Sukoon
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
मेरी कविताएं
मेरी कविताएं
Satish Srijan
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
प्रदीप : श्री दिवाकर राही  का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से
Ravi Prakash
ख़राब आदमी
ख़राब आदमी
Dr MusafiR BaithA
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-397💐
💐प्रेम कौतुक-397💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सूझ बूझ
सूझ बूझ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
Loading...