Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2017 · 1 min read

??गीत?? ? तर्ज – तुम्हारी नजरों में हमने देखा….. ??????????…

??गीत??
? तर्ज – तुम्हारी नजरों में हमने देखा…..

??????????

मोहक छवि के दरश को मोहन, प्यासी अंखियाँ तरस रही हैं।
विरह की बदरी हृदय पे छाईं सावन – भादों बरस रही हैं।

किया था वादा मगर न लौटे बसे हो जाकर के द्वारिका में।
विरह की मारी फिरें तड़पती कुंजन – कुंजन लता – पता में।
मधुर – मिलन की अनुभूति से हृदय की कलियाँ हरष रही हैं।
मोहक छवि के दरश को मोहन…..

तुम्हीं हो माता-पिता तुम्हीं हो बन्धु सखा सहारे।
हमारे अंतर की स्मृति में अमिट अनेकों चित्र तुम्हारे।
गुजारे पल की सुहानी यादें जहां में खुशियाँ परस रही हैं।
मोहक छवि के दरश को मोहन…..

तुम्हीं को देखें तुम्हीं को चाहें तुम्हीं को पूजें तुम्हें निहारें।
तुम्हीं हमारे हो प्राणधन प्रभु हमारी सांसें तुम्हें पुकारें।
तुम्हारे चरणों का तेज बनने की कामनाएं सरस रही हैं।
मोहक छवि के दरश को मोहन प्यासी अंखियाँ तरस रही हैं।
विरह की बदरी हृदय पे छाईं सावन-भादों बरस रही हैं।

??????????
तेज 19/04/17✍

Language: Hindi
Tag: गीत
403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम निवेश है-2❤️
प्रेम निवेश है-2❤️
Rohit yadav
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माँ तो आखिर माँ है
माँ तो आखिर माँ है
Dr. Kishan tandon kranti
अशोक महान
अशोक महान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जानते हो मेरे जीवन की किताब का जैसे प्रथम प्रहर चल रहा हो और
जानते हो मेरे जीवन की किताब का जैसे प्रथम प्रहर चल रहा हो और
Swara Kumari arya
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
नाथ सोनांचली
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2318.पूर्णिका
2318.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
शिव प्रताप लोधी
दूर देदो पास मत दो
दूर देदो पास मत दो
Ajad Mandori
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
अगर आपके पैकेट में पैसा हो तो दोस्ती और रिश्तेदारी ये दोनों
Dr. Man Mohan Krishna
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
gurudeenverma198
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
*चली राम बारात : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
Satyaveer vaishnav
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कलयुगी दोहावली
कलयुगी दोहावली
Prakash Chandra
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
घोंसले
घोंसले
Dr P K Shukla
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जाने  कैसे दौर से   गुजर रहा हूँ मैं,
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
Rajesh vyas
The Moon!
The Moon!
Buddha Prakash
Loading...