★गैरो के लिए मुझे क्यों तू छोड़ चला गया★
गैरो के लिए मुझे क्यों तू छोड़कर चला गया
★दिल मेरा हैरान और परेशान हो गया,
तू जब मेरे दामन से हाथ अपना हटाते चला गया,
★ढूंढती रह गई मेरी नजर तुझे दुनियां की भीड़ में,
तू जब किसी और के लिए मुझे छोड़ कदम बढ़ाते चला गया।
★जाते जाते तुझे मेरी मोहब्बत रास न आयी,
तू मेरी दिल की आह को महसूस भी न कर दूर चला गया।
★ मैं अश्क आँखों सेअपने दिनरात गिराते रही।
तू भी मेरी जिंदगी को नासूर बनाता चला गया।
★गैरो से मिलते,गले लगाते हँसते खिलखिलाते तुझे देख,
मुझेभी तेरी बेवफाई का खूब सूरत अंदाजा लगते चला गया।
★तुझे चाहा था मेने अपनो से भी ज्यादा,
तू मेरे ख्वाबो और ख्वाईशो का गला घोटते चला गया,
★बरसती रिमझिम बारिश में हम अश्क तेरी
जुदाई में गिराते रहे,
तू उन अश्को को बारिश की बूंदे समझता चला गया,
★हम जागते रहे रातो में तेरी यादों की तन्हाई में करवटे बदल बदल,
तू हमें इश्क की गंभीर बीमारी का मरीज समझता चला गया।
सोनू जैन मंदसौर