Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2018 · 1 min read

ग़ज़ल- …सहारे डूब जाते हैं

ग़ज़ल- सहारे डूब जाते हैं
★★★★★★★★★★★★★★
धरा ये चांद सूरज और तारे डूब जाते हैं
नज़र के बन्द होते ही नज़ारे डूब जाते हैं

ये नाते और यारी हाय दुनिया के सभी रिश्ते
हमारी साँस के जाते हमारे डूब जाते हैं

यहाँ कुछ भी करो कुछ भी बनाओ पर न जाने क्यूँ
समय की मार पड़ते ही सहारे डूब जाते हैं

सफर ये जिंदगी का एक ऐसा है सफर जैसे
नदी को जीतने वाले किनारे डूब जाते हैं

भला “आकाश” कोई चीज दुनिया में टिकी है क्या
दिखाई दे रहे लेकिन ये सारे डूब जाते हैं

– आकाश महेशपुरी

1 Like · 635 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अंदाज़-ऐ बयां
अंदाज़-ऐ बयां
अखिलेश 'अखिल'
*छाया कैसा  नशा है कैसा ये जादू*
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आप सभी को महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई..
आर.एस. 'प्रीतम'
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ।
हुआ बुद्ध धम्म उजागर ।
Buddha Prakash
कैसी है ये जिंदगी
कैसी है ये जिंदगी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2336.पूर्णिका
2336.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहाँ लिखता है
कहाँ लिखता है
Mahendra Narayan
दिल नहीं
दिल नहीं
Dr fauzia Naseem shad
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
sushil sarna
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
Tum khas ho itne yar ye  khabar nhi thi,
Tum khas ho itne yar ye khabar nhi thi,
Sakshi Tripathi
चुनावी साल में
चुनावी साल में
*Author प्रणय प्रभात*
सब कुर्सी का खेल है
सब कुर्सी का खेल है
नेताम आर सी
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
💐प्रेम कौतुक-184💐
💐प्रेम कौतुक-184💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr Shweta sood
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
चुनाव चालीसा
चुनाव चालीसा
विजय कुमार अग्रवाल
मैंने बार बार सोचा
मैंने बार बार सोचा
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
मां
मां
Sanjay ' शून्य'
" यकीन करना सीखो
पूर्वार्थ
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
आप सुनो तो तान छेड़ दूं
Suryakant Dwivedi
Loading...