Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2016 · 1 min read

ग़ज़ल (चार पल)

ग़ज़ल (चार पल)

प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम
दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से

दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर
दोस्तों के बीच में हम जी रहे थे भूल से

बँट गयी सारी जमी फिर बँट गया ये आसमान
अब खुदा बँटने लगा है इस तरह की तूल से

सेक्स की रंगीनियों के आज के इस दौर में
स्वार्थ की तालीम अब मिलने लगी स्कूल से

आगमन नए दौर का आप जिस को कह रहे
आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से

चार पल की जिंदगी में चाँद सांसो का सफ़र
मिलना तो आखिर है मदन इस धरा की धूल से

ग़ज़ल (चार पल)
मदन मोहन सक्सेना

276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Unveiling the Unseen: Paranormal Activities and Scientific Investigations
Shyam Sundar Subramanian
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
जे सतावेला अपना माई-बाप के
जे सतावेला अपना माई-बाप के
Shekhar Chandra Mitra
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
गुरु आसाराम बापू
गुरु आसाराम बापू
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिनमें कोई बात होती है ना
जिनमें कोई बात होती है ना
Ranjeet kumar patre
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
युद्ध के मायने
युद्ध के मायने
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"कबड्डी"
Dr. Kishan tandon kranti
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
gurudeenverma198
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
■ बोली की ग़ज़ल .....
■ बोली की ग़ज़ल .....
*Author प्रणय प्रभात*
जोगीरा
जोगीरा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नई जगह ढूँढ लो
नई जगह ढूँढ लो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रण
रण
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
साँप और इंसान
साँप और इंसान
Prakash Chandra
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
भूख सोने नहीं देती
भूख सोने नहीं देती
Shweta Soni
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
Loading...