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21 Feb 2017 · 1 min read

हाईकु एकादश

आज के हमारे अभी अभी के हाईकु सादर…

स्वप्न
हाईकु-एकादश

स्वप्न का लोक
बहुत सुहाना है
पल भर का।

वास्तविकता
सपने टूटते है
ध्यान रखिए

सपने देखें
सच तब ही होंगे
खुद से लेखें

सपने सच
दिल साफ रखिए
अजूबे रच।

जिंदगी भी तो
सपना है देखिये
टूटती कैसे

एक सपना
एक देश अपना
रोज जपना

अच्छा सोचिए
स्वप्न आएंगे अच्छे
जो होंगे सच्चे

हिंसा कभी ना
सपने सृजन के
राष्ट्र हित मे

बड़े सपने
भेद भाव तजिए
सभी अपने
१०
स्वप्न गहरे
जागकर सँभलें
लगा पहरे
११
गूँगे बहरे
स्वप्न सच मानते
डूबें गहरे

राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि. २०-०२-१७

राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि.२२-०२-१६

Language: Hindi
392 Views
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