Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jun 2019 · 1 min read

हरियाली और जीवन

हरियाली और जीवन
————————–
सूर्यदेव क्रोधित हुआ,मारे करके धूप।
राही प्यासा क्या करे,सूखे नद नलकूप।।

रोक प्रदूषण आज ही,स्वच्छ करो मैदान।
हरीभरी भू कीजिए,वृक्ष जीवन की तान।।

मानव रूठे मेघ हैं,करते यही पुकार।
पेड़ बुलाते प्रेम से,करो न इनपे वार।।

गर्मी-पारा तीव्र हो,जलती धरा प्रचंड।
लू से मरते लोग हैं,प्रकृति-ह्रास का दंड।।

जल ही जीवन यहाँ,करो नहीं तुम व्यर्थ।
आवश्यकता पूर्ति हो,लेकर रहो समर्थ।।

वृक्ष छाया फल फूल दें,लकड़ी देते अंत।
जीवन साँसे भेंट कर,सेवा करें अनंत।।

पेड़ लगाकर सींचिए,फूले-फले विहार।
बकरी आई खा गई,बस रह गया प्रचार।।

देख धरा सौन्दर्य को,मन पुलकित हो मित्र।
दशों-दिशा वृक्ष झूमते,करदें नवल विचित्र।।

नव पीढ़ी का आगमन,हो सुंदर परिवेश।
विशेष है उपहार ये,धन न रहे अखिलेश।।

प्रीतम शीतल छाँव-वृक्ष,बैठें उतरे हार।
पक्षी नीड़ निर्माण कर,फल खाएँ दिन चार।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 496 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
DrLakshman Jha Parimal
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
घर नही है गांव में
घर नही है गांव में
Priya Maithil
इश्क की वो  इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
Dr Archana Gupta
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
रे कागा
रे कागा
Dr. Kishan tandon kranti
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
अभिनंदन डॉक्टर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
Ram Krishan Rastogi
देशभक्त
देशभक्त
Shekhar Chandra Mitra
बुरा समय था
बुरा समय था
Swami Ganganiya
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
Rituraj shivem verma
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
23/52.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/52.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*रामलला का सूर्य तिलक*
*रामलला का सूर्य तिलक*
Ghanshyam Poddar
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
गणतंत्र के मूल मंत्र की,हम अकसर अनदेखी करते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-451💐
💐प्रेम कौतुक-451💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
क्या ?
क्या ?
Dinesh Kumar Gangwar
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क
Shweta Soni
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
Loading...