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28 Aug 2016 · 2 min read

हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं ।

हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं ।हर साल हम स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस जोर शोर से मनाते हैं और अपने महान राष्ट्रीय नेताओं और स्वतंत्रता सैनानियों को उनके बलिदान के लिए याद करके अपनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं । आज देशभक्ति लगता है इन दो दिनों में ही सिमट कर रह गयी है । इन्ही दो दिन देशभक्ति का जूनून उठता है जोशीले भाषण ,नारे, कवितायेँ, शेर, गीत कहे जाते हैं और फिर सब शांत हो जाते हैं । परंतु आज तक क्या हम अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हो पाये हैं ? ये प्रश्न गौर करने योग्य है क्योंकि अंग्रेजों के जाने के बाद भी हमारी भाषा, रहन सहन, सांस्कृतिक विरासत, नृत्य, संगीत सभी पर अंग्रेजों की छाप है । और हम इन्हें दिल से प्यार करते हैं और अपनाते हैं ।
हमारा भारत दिन प्रतिदिन विकास के नए आयाम छू रहा है परंतु धन विदेशी खातों में जा रहा है । कृषि प्रधान देश भारत में किसान ही आत्महत्या करने पर मज़बूर है । अमीरी और गरीबी के बीच में खाई बढ़ती ही जा रही है । भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है ।डाकजनी, हत्या, बलात्कार सरे आम होना अब आम बात हो गयी है । अपने ही देश में हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

हमारी युवा पीढ़ी जो हमारे देश और समाज का भविष्य है वो भी भ्रष्ट व्यवस्था के चलते बोझिल होती जा रही है और भटकाव की ओर अग्रसर है। क्या इस ओर हमारे कुछ फ़र्ज़ और कर्तव्य नही हैं । आज हम स्वतंत्र है । हमारा देश लोकतान्त्रिक देश है । हमें अपनी सरकार खुद चुनने का अधिकार है परंतु क्या हम अपने मताधिकार का प्रयोग और उचित प्रयोग कर पाते हैं । हमारे ये सभी कार्यकलाप भारत माता को दुख पहुंचाते है जिसे हमारे महान वीरों ने कष्ट सहकर अपनी जान देकर गुलामी की बेड़ियों से मुक्त किया था ।

आज हमें दूसरों से नहीं वरन अपने ही देश में फैले भष्टाचार और आतंकवाद से लड़ना है । दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही अराजकता से लड़ना है । मुखौटा पहने हुए अपनों को पहचानकर उनसे लड़ना है । सीमा पर तो हमारे वीर जवान अपना फ़र्ज़ बखूबी निभा रहे हैं परंतु हमें यानि आम नागरिकों को सिपाही बनकर भ्रष्टाचार आतंकवाद और अन्य बुराइयों से अपने देश की रक्षा करनी होगी । हालांकि बदलाव का दौर आ रहा है परन्तु बहुत धीमा है । हम सभी की इसमें सहभागिता जरुरी है । तभी हम सही मायनों में गर्व से कह सकेंगे हाँ हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं ।
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद(उ प्र)

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 717 Views
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