Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2017 · 1 min read

हम तो नादान ही सही

कुछ कमी तो नही बातो में
फिर कंयू याद नही करते हो,
रह गयी है क्या कुछ कमी
जो बात नही करते हो,
हम तो नादान ही सही
तुम तो समझदार मालूम लगते हो,
तेरी मुश्कान में एक कशिश
फिर ऐसे कंयू मुह फुलाए फिरते हो,
ये यादे बाते और घनी राते
तेरे बिन सब सूनी लगती हैं,
जो तू है तो वैसी कंयू नही
जैसी ख्यालो में मालूम पड़ती हो,
तुम बिन नही कटती राते
तुम ऐसे कंयू तड़पाती रहती हो,
ए मेरे जोरो ख्याल,कुछ तो याद कर
ऐसे कैसे तड़पती फिरती हो,
हम तो नादान ही सही
तुम तो समझदार मालूम पड़ते हो,
कुछ कमी तो नही बातो में
फिर कंयू याद नही करते हो।।

-आकिब जावेद

Language: Hindi
304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
Sukoon
हमको तंहाई का
हमको तंहाई का
Dr fauzia Naseem shad
दूर देदो पास मत दो
दूर देदो पास मत दो
Ajad Mandori
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
बहुमूल्य जीवन और युवा पीढ़ी
Gaurav Sony
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
💐अज्ञात के प्रति-21💐
💐अज्ञात के प्रति-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वायरस और संक्रमण के शिकार
वायरस और संक्रमण के शिकार
*Author प्रणय प्रभात*
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं बारिश में तर था
मैं बारिश में तर था
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
हिंदी पखवाडा
हिंदी पखवाडा
Shashi Dhar Kumar
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
जन्नतों में सैर करने के आदी हैं हम,
लवकुश यादव "अज़ल"
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
जीत मनु-विधान की / MUSAFIR BAITHA
जीत मनु-विधान की / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी
प्रेमदास वसु सुरेखा
2565.पूर्णिका
2565.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कलयुगी की रिश्ते है साहब
कलयुगी की रिश्ते है साहब
Harminder Kaur
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
"किताबों में उतारो"
Dr. Kishan tandon kranti
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
Loading...