Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2017 · 1 min read

हमें कौनसी चीज़ पीछे धकेल रही है,

जिस देश मे खेल पुराना कबड्डी हो,
पदक हॉकी में आये हो,
बजट क्रिकेट को मिलता हो,
दारासिंह फ्री स्टाइल विभूति हो,

राजीव दीक्षित जैसों को संदिग्ध
मृत्यु का खुलासा न होता हो,
जो बिन औषधि स्वदेशी का प्रचार था,
बात-बात पर सरकारी संपत्ति फूँकी जाती हो,

हर वर्ग की हर मजहब बात-बात पर संविधान में नहीं लिखा,
कहने वालों की इज्जत होती हो,

मेरा देश गुलामी से सीख नहीं पाया,
अंधेरे से है प्यार हमें,
नींद हमें प्यारी है,
कर रहे बहाना सोने का,
हम कुंभकरण है हमें निद्रा प्यारी है,
वरन् इस देश जितने बुद्ध आये कहीं ओर नहीं मिलती कथा कहानी सुनने को,

फिर भी हो भला इस देश कि संविधा
का एकसूत्र में पिरोए रखती है,
सबको फूल कंटक जहर सुधा नदी नारों सबको एक सूत्र में पिरोए रखते है,
जिसका हर सूत्र हो पितामह भीष्म जैसा,
पाखंडी सिखंडी बन आगे आते हो,
कौन बचाऐ भारत माता लाज तेरी
दुस्ससान दुर्योधन घर-घर पाए जाते हो,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
आप दिलकश जो है
आप दिलकश जो है
gurudeenverma198
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
शीर्षक : बरसात के दिनों में (हिन्दी)
Neeraj Agarwal
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
ये दुनिया है आपकी,
ये दुनिया है आपकी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
स्वयं के हित की भलाई
स्वयं के हित की भलाई
Paras Nath Jha
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जंग अहम की
जंग अहम की
Mamta Singh Devaa
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
मेरी गोद में सो जाओ
मेरी गोद में सो जाओ
Buddha Prakash
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
जज्बात
जज्बात
अखिलेश 'अखिल'
मालूम है मुझे वो मिलेगा नहीं,
मालूम है मुझे वो मिलेगा नहीं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
लक्ष्मी सिंह
"I’m now where I only want to associate myself with grown p
पूर्वार्थ
■ छोटी सी नज़्म...
■ छोटी सी नज़्म...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...