Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2017 · 1 min read

स्वतंत्रता की अलख

लहराये तिरंगा भवन भवन,
भारत माता को नमन नमन,
गीतों से गूंज रहा गगन गगन,
गा रहा जन होकर मगन मगन,
हर जुबां पर है वतन वतन,
गूँज रहे नारे सदन सदन,
गली गली में हो रही चहल पहल,
देख तिरंगे की शान शत्रु जाये दहल दहल,

स्वतंत्रता की अलख जगाने जब चले नवजवान,
कदम बढ़ते गए, मिली जीत की कमान,
क्या उत्साह था, थी एक नई उमंग,
चहुँ ओर फैला था स्वतंत्रता का रंग,

देशभक्तों पर अर्पण हैं श्रद्धा सुमन,
बना रहे देश मे सुख शांति और अमन,
देशभक्ति की बहती रहे बयार,
खुशयों की आये सदा बहार,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
विलोमात्मक प्रभाव~
विलोमात्मक प्रभाव~
दिनेश एल० "जैहिंद"
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
!! सुविचार !!
!! सुविचार !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
तुम गजल मेरी हो
तुम गजल मेरी हो
साहित्य गौरव
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
Er. Sanjay Shrivastava
VISHAL
VISHAL
Vishal Prajapati
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
manjula chauhan
ज्ञान क्या है
ज्ञान क्या है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्ति मिली सारंग से,
मुक्ति मिली सारंग से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
मुस्कुराहट से बड़ी कोई भी चेहरे की सौंदर्यता नही।
Rj Anand Prajapati
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
आर.एस. 'प्रीतम'
🙅क्षणिका🙅
🙅क्षणिका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
Sûrëkhâ Rãthí
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
(12) भूख
(12) भूख
Kishore Nigam
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
gurudeenverma198
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
" जुबां "
Dr. Kishan tandon kranti
2753. *पूर्णिका*
2753. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सत्य कुमार प्रेमी
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
*दोहा*
*दोहा*
Ravi Prakash
सुनहरे सपने
सुनहरे सपने
Shekhar Chandra Mitra
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
पति की खुशी ,लंबी उम्र ,स्वास्थ्य के लिए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...