Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2020 · 1 min read

“सीख”

स्वप्न होँ बिखरे अगर, उनको पिरोना कब मना है,
कुछ सुखद यादें हैं गर, उनको सँजोना कब मना है।

हो तिमिर चहुँओर गर, दीपक जलाना कब मना है,
चाहतों को हृदय में, बरबस सजाना कब मना है।

हो अगर आघात, उसको भूल जाना कब मना है,
व्यँग्य-बाणों की चुभन से, पार पाना कब मना है।

मित्र है सच्चा अगर, सच बात कहना कब मना है,
हृदय में है भाव यदि, तो व्यक्त करना कब मना है।

धुन्ध मेँ भी लक्ष्य पर, बस ध्यान रखना कब मना है,
राह हो दुर्गम भले, गिर-गिर सँभलना कब मना है।

शत्रु भी आहत है गर, मृदु-वचन कहना कब मना है,
घाव है गहरा अगर, मरहम लगाना कब मना है।

मन मेँ है यदि भ्रान्ति, उसको दूर करना कब मना है,
उर हो उद्वेलित जो “आशा”, शान्त करना कब मना है..!

रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M 9415559964

—–//—–//—–//——///—–

5 Likes · 7 Comments · 708 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगी ऐसी
ज़िंदगी ऐसी
Dr fauzia Naseem shad
Stop chasing people who are fine with losing you.
Stop chasing people who are fine with losing you.
पूर्वार्थ
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
सत्य कुमार प्रेमी
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
नेता (पाँच दोहे)
नेता (पाँच दोहे)
Ravi Prakash
लेखक
लेखक
Shweta Soni
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
उनकी महफ़िल में मेरी हालात-ए-जिक्र होने लगी
'अशांत' शेखर
*अहमब्रह्मास्मि9*
*अहमब्रह्मास्मि9*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
Smriti Singh
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
रुके ज़माना अगर यहां तो सच छुपना होगा।
Phool gufran
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
मेरे वतन मेरे वतन
मेरे वतन मेरे वतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
3169.*पूर्णिका*
3169.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रुपया-पैसा~
रुपया-पैसा~
दिनेश एल० "जैहिंद"
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
बहुत सहा है दर्द हमने।
बहुत सहा है दर्द हमने।
Taj Mohammad
ले चल मुझे भुलावा देकर
ले चल मुझे भुलावा देकर
Dr Tabassum Jahan
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
Buddha Prakash
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
जिंदगी की ऐसी ही बनती है, दास्तां एक यादगार
gurudeenverma198
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...