Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2016 · 1 min read

‘साहित्यपीडिया’ का कहर !

बदस्तूर जारी हैं साहित्यपीडिया का कहर,

इस कदर
की कल तक जो कवितायेँ रद्दी की टोकरी
की शोभा बढ़ाती थी ,
या कुछ अनभिज्ञों द्वारा हंसी की पात्र
हो जाती थी,

अब इन्टरनेट की दुनिया में
लाखों आँखों के सामने
अपनी वाहवाही बटोरती हैं

जो भी इस पर आता हैं
बच्चा नहीं हैं ,
बूढ़ा नहीं हैं ,
जवान नही हैं ,
आदमी नही हैं
औरत नहीं हैं ,
कोई धर्म नही हैं ,
जाति नही हैं,

है तो सिर्फ एक ‘कवि’

जहा सिर्फ प्रेम हैं ,
उत्साह हैं
प्रसिद्धी हैं
सम्मान हैं

लेशमात्र भी नहीं हैं जहा नफरत का जहर
बदस्तूर जारी हैं साहित्यपीडिया का कहर..

– नीरज चौहान

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 792 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
Dr fauzia Naseem shad
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मैं मधुर भाषा हिन्दी
मैं मधुर भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2256.
2256.
Dr.Khedu Bharti
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हिसाब
हिसाब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*आ गये हम दर तुम्हारे दिल चुराने के लिए*
*आ गये हम दर तुम्हारे दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
संघर्ष
संघर्ष
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक  चांद  खूबसूरत  है
एक चांद खूबसूरत है
shabina. Naaz
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
जब कोई रिश्ता निभाती हूँ तो
Dr Manju Saini
तितली संग बंधा मन का डोर
तितली संग बंधा मन का डोर
goutam shaw
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
गुरु स्वयं नहि कियो बनि सकैछ ,
DrLakshman Jha Parimal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
भ्रम जाल
भ्रम जाल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*दफ्तरों में बाबू का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
*दफ्तरों में बाबू का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
इन दिनों
इन दिनों
Dr. Kishan tandon kranti
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
Loading...