Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2018 · 1 min read

साईं, आन पड़े हम तेरे धाम

साईं सलोना रूप है, साईं हरि का मान
देह अलौकिक गंध है, प्रेम अमर पहचान // दोहा //

साईं, साईं, आन पड़े हम तेरे धाम
साईं, साईं, आन पड़े हम तेरे धाम
मोहे तुझसे पड़ा है काम // मुखड़ा //
साईं, साईं, आन पड़े….

आज मोहे तू अंग लगा ले
सीने में ऐसी उमंग जगा दे
छूटे कभी न वो रंग लगा ले
बाबा, हर पल जपूँगा तेरा नाम // १. //
साईं, साईं, आन पड़े….

दुखियों की ख़ातिर दुनिया में आया
चारों तरफ़ है तेरी ही माया
कोई भी तेरा पार न पाया
बाबा, मोहे दे दो भक्ति का दाम // २. //
साईं, साईं, आन पड़े….

मन में बसा लो, तन में बसा लो
इक बार मुझे बस, अपना बना लो
प्यार से अपने, शरण बुला लो
सोचो न अब, मेरा करो तुम काम // ३. //
साईं, साईं, आन पड़े….

राम रहीम भी तू ही है बाबा
तू ही काँशी, तू ही काबा
तुझसे बड़ा न कोई बाबा
साईं जपते रहे सब तेरा नाम // ४. //
साईं, साईं, आन पड़े….

भावों का है बंधन तुझसे
जीवों में है जीवन तुझसे
भोरों की है गुंजन तुझसे
बाबा, दे दो हमें वरदान // ५. //
साईं, साईं, आन पड़े….

पास तू रखना तारा बनाकर
मुझको सबसे न्यारा बनाकर
भक्तों में सबसे प्यारा बनाकर
साईं, सबसे बड़ा है तेरा नाम // ६. //
साईं, साईं, आन पड़े….

Language: Hindi
Tag: गीत
278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
Harminder Kaur
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
आम आदमी की दास्ताँ
आम आदमी की दास्ताँ
Dr. Man Mohan Krishna
आंखों में शर्म की
आंखों में शर्म की
Dr fauzia Naseem shad
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
अब जीत हार की मुझे कोई परवाह भी नहीं ,
अब जीत हार की मुझे कोई परवाह भी नहीं ,
गुप्तरत्न
पिता बनाम बाप
पिता बनाम बाप
Sandeep Pande
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
#सामयिक_ग़ज़ल
#सामयिक_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य
सत्य
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
पूर्वार्थ
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
2818. *पूर्णिका*
2818. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
रौशनी अकूत अंदर,
रौशनी अकूत अंदर,
Satish Srijan
ज़िंदा हूं
ज़िंदा हूं
Sanjay ' शून्य'
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
आज परी की वहन पल्लवी,पिंकू के घर आई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
बात तो सच है सौ आने कि साथ नहीं ये जाएगी
Shweta Soni
हरा न पाये दौड़कर,
हरा न पाये दौड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पंचवर्षीय योजनाएँ
पंचवर्षीय योजनाएँ
Dr. Kishan tandon kranti
मन तो बावरा है
मन तो बावरा है
हिमांशु Kulshrestha
रक्षाबंधन का त्यौहार
रक्षाबंधन का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
Loading...