Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2021 · 1 min read

सांसों की ज़रूरत

दो सांसों की मोहताज है ये ज़िंदगी
कल हो ना हो जो आज है ये ज़िंदगी
अब जियें भी तो किस तरह इसको हम
अब तो उधार की लग रही है जिंदगी।।

बहुत बदल गई है अब ये ज़िंदगी
सिर्फ दर्द ही दे रही है ये ज़िंदगी
जब से आया है कोरोना उसी की
अब बस हो गई है ये ज़िंदगी।।

नहीं वक्त था पहले पास हमारे
अब घर में ही दुबके रहते है हम
पहले किसीसे मिलने का ना था वक्त
अब वक्त है पर मिल नहीं सकते है हम।।

दिल के सारे अरमान छू मंतर हो गए
बस जान बचाना ही मकसद रह गया
थोड़ा पहले से रखा होता हमने ध्यान
सोचता हूं अब आज ये क्या हो गया।।

मास्क लगाना और दो गज़ की दूरी
बस हमें यही सब तो करना था
बच जाती लाखों ज़िंदगियां फिर
इस तरह लोगों ने क्यों मरना था।।

अभी वक्त है मानवता को बचाने का
सुधरने का और फिर संभलने का
बस ध्यान रखो सदा मास्क लगाने
और दो गज़ की दूरी अपनाने का।।

मुश्किल दौर तो आए पहले भी कई
कट जाते है ये दौर भी साथ चलने में
हम अगर कोशिश करें मिलकर तो
ज्यादा वक्त नहीं लगेगा इसे बदलने में।।

Language: Hindi
11 Likes · 3 Comments · 476 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
वीरवर (कारगिल विजय उत्सव पर)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
*पिचकारी की धार है, मुख पर लाल गुलाल (कुंडलिया)*
*पिचकारी की धार है, मुख पर लाल गुलाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
*मौसम बदल गया*
*मौसम बदल गया*
Shashi kala vyas
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
रोटियों से भी लड़ी गयी आज़ादी की जंग
कवि रमेशराज
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
उमंग
उमंग
Akash Yadav
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
💐प्रेम कौतुक-188💐
💐प्रेम कौतुक-188💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#अमृत_पर्व
#अमृत_पर्व
*Author प्रणय प्रभात*
2260.
2260.
Dr.Khedu Bharti
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
मेरी माटी मेरा देश भाव
मेरी माटी मेरा देश भाव
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
टेढ़ी ऊंगली
टेढ़ी ऊंगली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एहसास
एहसास
Shutisha Rajput
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
Neerja Sharma
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
सीख बुद्ध से ज्ञान।
सीख बुद्ध से ज्ञान।
Buddha Prakash
"कवि तो वही"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Mamta Rani
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
*वो नीला सितारा* ( 14 of 25 )
Kshma Urmila
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
शब्द मधुर उत्तम  वाणी
शब्द मधुर उत्तम वाणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...